बेटा आठवीं फेल बहू बी ए पास हे-
रचना :-गजेन्द्र साहू ,कोडेकसा
जिनगी दुबर होगे मोर अटके खाली आस हे,
बेटा आठवीं फेल बहू बी ए पास हे
झाड़ू पोछा बेटा करते घर के भरथे पानी
पढ़ लिख के अढ़हा होगे काला बताव कहानी
दाई ददा राक्छस होगे देवता ओखर सास हे
बेटा आठवीं फेल बहू बी ए पास हे
जबले बहू घर म आहे टीवी ला नई छोड़य
आघु पछू नाचते टूरा हर संग नई छोड़े
रोज तिहार हाबे उखर बर हमर बर उपास हे
बेटा आठवीं फेल बहू बी ए पास हे
होवत बिहनिया बदलगे बेटा देथे हमला गारी
अपन घर हर भुतहा होगे मंदिर होगे ससुरारी
भाई भाई झगड़ा होथे सारा ओखार खास हे
बेटा आठवीं फेल बहू बी ए पास हे
पाल पोस के देखे सपना गाड़ा गाड़ा
होवत बीहनिया बदलगे बेटा अइसन पढ़ीहिस पहाड़ा
हमर सपना हर जुछछा होगे कहिथे सब बकवास हे
बेटा आठवीं फेल बहू बी ए पास हे
समधी घालो केहे रीहिस मोर बेटी जेखर घर म जहीं
ओकर घर दुए दिन सरग बनाही
बेटा बहू के राज मा सरग जाबो ये सब बकवास हे
बेटा आठवीं फेल बहू बी ए पास हे ,,,,
आज की स्थिति को देखते हुए ये रचना बनाया हूं आज दिन बदिन
सोच उल्टा होता जा रहा है इन्हीं बातो को ध्यान रखते हुए ,,
रचना
गजेन्द्र साहू
कोडेकसा
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